निस्वार्थ सेवा के अनुयायी- साईं बाबा

September 27, 2019
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September 27, 2019

साईं बाबा खुद दो धर्म के नामो से बने धार्मिक पुरुष है ‘साईं’ शब्द फ़ारसी है एवं इस्लाम का पवित्र शब्द है और ‘बाबा’ हिन्दी शब्द पिता के लिए उपयोग होता है। शिर्डी के साईं बाबा एक भारतीय धार्मिक गुरु थे, जिन्हें उनके भक्त, संत, फ़क़ीर और सतगुरु भी कहते थे। वे लोगो को प्यार, दया, मदद, समाज कल्याण, संतोष, आंतरिक शांति और भगवान की भक्ति और गुरु का पाठ पढ़ाते थे। उन्होंने लोगो को धार्मिक भेदभाव करने से भी मना किया था। साईं बाबा लोगो को हिन्दू और मुस्लिम दोनों धर्म का पाठ पढ़ाते थे, उनके रहने के स्थान को द्वारकामाई कहा गया है।

साईं बाबा के जीवन की झलक

  1. साईं बाबा की एक उक्ति आज भी देश विदेश में प्रचलित है वे हमेशा कहते थे- ‘ सबका मालिक एक’।
  2. साईं बाबा शिर्डी, महाराष्ट्र के एक छोटे से गाँव में रहते थे, जो आज एक धार्मिक पर्यटन स्थल है। इसके अलावा हर धर्म के लिए वह एक आध्यात्मिक गुरु थे।
  3. साईं बाबा हिन्दू और मुस्लिम दोनों ही धर्म को मानने वाले महान धार्मिक पुरुष थे, इसलिए ही दोनों धर्म के लोग उन्हें पूजते एवं सम्मान करते थे।
  4. शिर्डी के साईं बाबा ने एक त्यागी के जीवन का पालन किया और सांसारिक चीजों के लिए प्यार को प्रोत्साहित नहीं किया। उन्होंने हमेशा इस बात पर जोर दिया कि हमें एक सरल जीवन जीना चाहिए और भगवान में पूर्ण विश्वास रखना चाहिए।
  5. साईं बाबा के जन्म स्थान एवं जन्म दिवस को लेकर विभ्रांति रही है | तथा उनका असली नाम साईं है, यह भी संदेहयुक्त है | ऐसा कहाँ जाता है जब वे किसी शादी में शामिल होने शिरडी गए थे, वहा उनके एक भक्त ने उनका परिचय साईं नाम से कराया था | तब से वे साईं नाम से जाने जाने लगे |
  6. 1858 में साईं बाबा शिर्डी आए थे और तब उनके पास एक अद्वितीय पोशाक थी जिसे काफनी कहा जाता है।
  7. बाबा के बारे में ऐसा भी कहा गया है कि वे ४ से ५ साल शिर्डी में एक नीम के पेड़ के नीचे रहते थे।इसके अतिरिक्त वे ज़्यादातर शिर्डी के आस-पास जंगलो में घूमना पसंद करते थे।
  8. कुछ लोगों के अनुरोध पर, उन्होंने एक जीर्ण मस्जिद में निवास किया, जिसे बाद में द्वारकामाई कहा गया।

साईं बाबा के शिष्यों एवं भक्तों ने यह बताया है कि साईं बाबा ने कई चमत्कारिक कार्य प्रस्तुत किए हैं जैसे बिल्वपत्र, उत्तोलन, मन लगाना, भौतिकवाद, भूत-प्रेम, इच्छा स्वरुप समाधि में प्रवेश, पानी से दीपक जलाना, खंडन योगा जिससे अंगों या आंता का संयम शरीर द्वारा किया जाता है, असाध्य बीमारी का इलाज करना। इसके अलावा जब एक मस्जिद गिरने की संभावना में था तब साईं बाबा ने उनके भक्तों को चमत्कारपूर्ण रूप से बचाया और ऐसा भी कहा जाता है कि साईं बाबा ने अपने भक्तों एवं शिष्यों को भगवान राम, कृष्णा, विठोबा, शिवा आदि के अवतार में दर्शन दिए। इस तरह साईं बाबा को एक महान बाबा का दर्जा उनके भक्तों द्वारा दिया गया है।

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